Hindi Essay on Diwali | Essay on diwali in easy words by techvolume

आज हम लिखने जा रहें है Hindi Essay on Diwali. जी हाँ इस page पर आपको Essay on Diwali in easy words मिलेगा और साथ ही साथ आप किसी भी कक्षा के लिए Hindi Diwali essay. दुंड रहें हैं तो आपको इस page पर सभी प्रकार के दिवाली पर निबंध मिल जायेंगे |

तो सबसे पहले ये बता देते हैं की इस page पर आपको किस किस तरह के दिवाली निबंध लिखे मिलेंगे| ता की आपको अंदाजा हो जाये की आप जो पड़ने जा रहें है आपके लिए ही है या नहीं है| ऐसा नहीं होना चाहिए की आप दिवाली पर जो निबंध पड़ने आये थे और आपको वो न मिले|

आपको इस page का दिवाली निबंद ही क्यों पड़ना चाहिए क्यूंकि हमने सारी जानकारी एक बेहद ही बढ़िया (diwali essay in hindi wikipedia link ) जगह से एकत्रित कर के आपके लिए आसान बना कर लिखी है| 

दिवाली को भारत देश में 2 दिन के लिए मनाया जाता है जिसको छोटी दिवाली और बड़ी दिवाली भी कहा जाता है| एक तरफ स्कूल के बचों की छुटी होती है और साथ ही उनको दीपावली पर essay लिखने को भी दिया जाता है| कुछ बचे खुद से या परिवार में किसे बड़े की मदद से लिख लेते हैं और कुछ बचे इसको इन्टरनेट पर भी search कर के लिख लेते हैं|

List of Type of essay in Hindi on Hindi Diwas of diwali.

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  3. short essay in hindi on diwali
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 Hindi Essay on Diwali.

 दिवाली भारत देश में मनाये जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार माना गया है| और दिवाली हो या दीपावली दोनों एक ही हैं जैसे की हमें नाम से ही पता चल जाता है की ये त्यौहार दिवो का त्यौहार है| दिवाली का त्यौहार हर एक साल भारत ही नहीं और भी देशों में बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है| इस त्यौहार को मनाने का उत्सव और लोगो में उत्साह एक अलग ही स्तर का होता है| हालांकी ये दीपावली का त्यौहार हर वर्ष आना होता है लेकिन लोग इसको इस तरह से मानते हैं जैसे की यह बरसो बाद अत है और कई बरसो तक ये आयेगा ही नहीं|

दीपावली का अर्थ क्या है ?

जैसे की हमें नाम से ही पता चल जाता है दीपावली का ''दीप'' और अगर संस्कृत भाषा के हिसाब से दीपावली का मूल्याङ्कन करे तो इसका अर्थ बनता है '' दीपों की श्रंखला ''| 

दिवाली के त्यौहार में हम किस भगवन की पूजा करते हैं ?

दिवाली एक खुशिओं भरा त्यौहार है वहीँ इसका महत्व धरम के साथ भी काफी ज्यादा बड़ा है| ऐसा कह सकते हैं की दिवाली को त्यौहार एक धार्मिक त्यौहार भी है | दिवाली के त्यौहार के शुभ अवसर पर भारत देश में तक़रीबन हर एक घर में गणेश जी और लक्ष्मी जी की बड़ी ही पवित्रता से पूजा अर्चना की जाती है | सब लोग अपने अपने घर की साफ़ सफाई इतनी अची से कर के रखते है मानो की लक्षी माता स्वयं उनके घर में परवेश करने वाली हो| बात साडी यहाँ आस्था की है| हमारे देश भारत में लोगो की आस्था का स्तर ही इतना बड़ा और उत्साह से भरा है की कोई भी त्यौहार क्यों न हो हमने खुशिओं से मनाना है|

धर्म के माद्यम से दिवाली कैसे मने जाती है ?

वैसे तो दिवाली को सब धर्मो के लोग ही मानते है| अपने अपने कारन होते हैं सब धर्मो के दिवाली मानाने के| लेकिन इतिहास के हिसाब से दिवाली मुख्य तोर पर हिन्दू धरम के लोगो द्वारा ही ज्यादा मनाया जाता है| ओरैसे भी कहा जाता है की हिन्धू धरम में दिवाली सबसे बड़ा पर्व है| दीपावली का यह त्यौहार भारत में हर वर्ष अक्टूबर या नवम्बर के महीने में मनाया जाता है|

हिन्दू धरम के हिसाब से दिवाली क्यों मनाइ जाती है ?

इतिहास और पुराणी कथाओं या कहानिओ के हिसाब से अगर हम बार करे तो दीपावली के त्यौहार को इस लिए मनाया जाता है क्योंकि भगवन श्री राम इस दिन 14 साल का बनवास काट कर और रावन का वध कर के अयोध्या लोटे थे| और श्री राम के आने की ख़ुशी में अयोद्य के लोगों ने घी के दीओ जलाये थे और जश्न मना कर उनका स्वागत किया था| बस उस दिन से ही हिन्ढी धरम के लिए दीपावली का त्यौहार सबसे लोकप्रिय और सबसे बड़ा त्यौहार और सबसे पवित्र त्यौहार माना जाता है|

लोगों द्वारा दिवाली कैसे मनायी जाती है ?

दिवाली के त्यौहार से पहले ही लोग अपने अपने घरो और दुकानों की साफ़ सफाई आचे से करते हैं| क्यूंकि ऐसा मन जताई है की इस दिन लक्ष्मी माता इस दिन किसी पर भी पर्सन हो सकती है| इस लिए भी लोग साफ सफाई कर लेते है|

दूसरी तरफ लोग अपने सगे सम्बन्धियों , रिश्तेदारों , दोस्तों के घर उपहार और मिठाई सांझी करते है और जश्न मानते हैं| ये लोगों की ख़ुशी ही होती है और ख़ुशी को लोग अपने अपने ढंग से बाँटना चाहते हैं| बचे पटाखे फोड़ कर अपनी इस ख़ुशी को और दो गुना करते हैं| दीपावली के इस अवसर पर लोगो द्वारा विभिन तरह की अताश्बजियन देखने को मिलती हैं|

दीपावली से पहले दशेरा का त्यौहार भी अत है जिस दिन श्री राम जी ने रावन का वध किआ था | इस त्यौहार को भी लोग दिवाली से जोड़ ते हैं और दुषेरा के त्यौहार से ही लोग दिवाली के त्यौहार की त्यरिआन शुरू पर देता हैं| उसके बाद धनतेरस पर लोग कुश गहने खरेद लेते हैं ये भी दीपावली का ही जश्न है |

लोग दीपावली के दिन अपने घरों को light लड़ियों और दीप जला कर जग मग करते हैं| दिवाली के इस शुभ दिन में लोगो द्वारा बाजार से खुभ साडी खरीद दरी भी की जाती है और अपने घर के लिए सजावट का सामान भी खरीद लिया जाता है |

ऐसा भी मन जाता है की दिवाली का त्यौहार बुरे पर अशी की जीत का पार्टीक है | क्योंकि श्री राम जी ने रावन का वध किया था और रवां की लंका को जीत लिया था|


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